Wednesday, 4 March 2015

गढ़मुक्तेश्वर

गढ़मुक्तेश्वर

गढ़मुक्तेश्वर भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के हापुड़ जिले का शहर है। इसे गढवाल जाटों ने बसाया था। गंगा नदि के किनारे बसा यह शहर गढवाल राजाओं की राजधानी था। बाद में पृथ्वीराज चौहान ने हड़प लिया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सौ किलोमीटर दूर 'राष्ट्रीय राजमार्ग 24' पर 'गढ़मुक्तेश्वर' नामक नगर बसा है जो हापुड़ ज़िले का एक तहसील मुख्यालय है। गढ़मुक्तेश्वर मेरठ से 42 किलोमीटर दूर स्थित है और गंगा नदी के दाहिने किनारे पर बसा है। विकास की दृष्टि से गढ़मुक्तेश्वर सबसे पिछड़ी तहसील मानी जाती है, किंतु सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यहाँ कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला गंगा स्नान पर्व उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेला माना जाता है।

पौराणिक महत्त्व[संपादित करें]

भागवत पुराण व महाभारत के अनुसार यह कुरु की राजधानी हस्तिनापुर का भाग था। आज पर्यटकों को यहां की ऐतिहासिकता और आध्यात्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक ख़ूबसूरती भी खूब लुभाती है। मुक्तेश्वर शिव का एक मन्दिर और प्राचीन शिवलिंग कारखण्डेश्वर यहीं पर स्थित है। काशी, प्रयाग, अयोध्या आदि तीर्थों की तरह 'गढ़मुक्तेश्वर' भी पुराण उल्लिखित तीर्थ है। शिवपुराण के अनुसार 'गढ़मुक्तेश्वर' का प्राचीन नाम 'शिववल्लभ' (शिव का प्रिय) है, किन्तु यहां भगवान मुक्तीश्वर (शिव) के दर्शन करने से अभिशप्त शिवगणों की पिशाच योनि से मुक्ति हुई थी, इसलिए इस तीर्थ का नाम 'गढ़मुक्तीश्वर' (गणों की मुक्ति करने वाले ईश्वर) विख्यात हो गया। पुराण में भी उल्लेख है- 'गणानां मुक्तिदानेन गणमुक्तीश्वर: स्मृत:।'

व्यापार[संपादित करें]

यह गंगा के जल मार्ग से व्यापार का मुख्य केन्द्र था। उन दिनों यहां इमारती लकड़ी, बांस आदि का व्यापार होता था, जिसका आयात दून और गढ़वाल से किया जाता था। इसके साथ ही यहां गुड़ - गल्ले की बड़ी मंडी थी। यहां का मूढा़ उद्योग भी अति प्राचीन है। यहां के बने मूढे़ कई देशों में निर्यात किए जाते रहे हैं।

कैसे पहुंचें[संपादित करें]

सड़क मार्ग से[संपादित करें]

दिल्ली से यहां की दूरी लगभग 85 किलोमीटर है। उत्तर प्रदेश रोडवेज की नियमित बसें 'आनन्द विहार बस अड्डा, दिल्ली से चलती हैं।

रेल मार्ग से[संपादित करें]

गढ़ मुक्तेश्वर में भी रेलवे स्टेशन है और बृजघाट रेलवे स्टेशन यहां से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली से यहां के लिए नियमित रेलगाड़ियां हैं।

पर्यटन[संपादित करें]

गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे स्थित देवी गंगा को समर्पित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, गंगा मंदिर, मीराबाई की रेती, गुदडी़ मेला, बृज घाट, झारखंडेश्वर महादेव, कल्याणेश्वर महादेव का मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं। यहाँ गंगा स्नान पर्व भी होता है।

शिक्षा[संपादित करें]

गढ़मुक्तेश्वर में शिक्षा का स्तर काफी अच्छा है

3 comments:

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